तलबगार हो गए. .. .
नज़र पे नज़र रुकी, नज़र से मिली नज़र,
बस नैनों का कसूर था कि चार हो गए. .. .
सूरत दिल में उतरी, सीरत चढ गयी दिमाग में,
चाह ऐसी, कि हम तेरे तलबगार हो गए. .. .
ऐ सितमगर! सितम तुमने ढाये ये कैसे,
कल तक थे काम के, आज बेकार हो गए. .. .
तेरी याद आने लगी, रातो की नींद जाने लगी,
अच्छे भले शनिवार से सोमवार हो गए. .. .
शिद्दत थी तुझे इक बार बस, जी भर के देखने की,
समझ आया न, जाने कब, गले का हार हो गए. .. .
कभी लगती थी शहर में, बाज़ार मेरे नाम की,
बिके मोहब्बत में तेरी ऐसे, खरीददार हो गए. .. .
झलकियाँ देख ली मैने, मोहब्बत की इन आँखों में,
ये नज़र-ए-करम भी अब, कई बार हो गए. .. .
दर-ओ-दरगाह पे बाँधी थी जो भी मन्नतें मैंने,
कि शायद वो भी धागे सब, असरदार हो गए. .. .
बीच दरिया में थी डूबी, अचानक जब मेरी कश्ती,
तेरा ही नाम लेकर हम, वो दरिया पार हो गए. .. .

Ache bhale shanivaar se somvaar ho gaye ������
ReplyDeleteApni to zindagi me farq hi in do dino ka hai!! :D
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