वो शिव है

shiv mahadev andaaz lakhnavi lucknow poetry blog 
वो काल के भी पार है, संसार का वो सार है
वो सृष्टि का आधार है, शक्ति वो अपार है
मृत्यु पे है तांडव करता, वो लोकंकार है
आकार है, प्रकार है, वो ॐकार है
वो शिव है, शिव है, शिव ||
  
मोक्ष का कपाट है, विराट से विराट है
सूर्य उसका नेत्र है, ब्रह्माण्ड उसका क्षेत्र है
उसका नाद है, तीनो लोक उसका राज है
ईश्वर है, परमेश्वर है, वो ही विश्वेश्वर है
वो शिव है, शिव है, शिव ||
  
त्रिशूल है, त्रिकाल है, मृत्यु से विकराल है
त्रिनेत्र है, त्रिदेव है, वो महादेव है
यत्र है, तत्र है, वो तो सर्वत्र है
आदि है, अनंत है, वो नीलकंठ है
वो शिव है, शिव है, शिव ||
  
ज्ञानियों का ज्ञान है, महान से महान है
ध्यान में वो लीन है, वो सूक्ष्म से भी क्षीण है
ह्रदय में उसका वास है, पुण्य है पाप है
अग्नि का वो ताप है, वो मेरा भोलेनाथ है

वो शिव है, शिव है, शिव ||



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